मलेरिया

जिस क्षेत्र में हम सेवा करते हैं, मलेरिया एक समान्य बीमारी है. समान्य बीमारी होने के चलते बहुत बार हम यह देखते हैं कि अन्य कारणों का बुखार को मलेरिया और मलेरिया को अन्य कारणों का बुखार कहकर इलाज किया जाता है. आइए, मलेरिया के बारे में जानें.
कारण: प्लासमोडियम नामक किटाणू से होता है जो मच्छर काटने के द्वारा फैलता है.

लक्षण: जाड़ा या ठंडा के साथ बुखार. बुखार के साथ सिरदर्द, थकावट, बदन दर्द, उल्टी होना या लगना आदि होता है. मरीज को इलाज के आभाव में गंभीर बीमार हो सकता है.

जाँच: स्लाइड माइक्रोस्कोपी और एंटीजन किट टेस्ट. बहुत जगहों में एंटीबाडी किट टेस्ट किया जाता है जो स्तानिक इलाकों (Endemic areas - जहां मलेरिया सामान्यतः पाया जाता है) में कोई उपयाग का नहीं है. यदि स्लाइड टेस्ट और एंटीजन टेस्ट में आपका मलेरिया नहीं निकलता है, तो आपको वायरस संक्रमण हो सकता है जिसमें भी मलेरिया जैसे लक्षण आ सकते हैंकभी कभी, मलेरिया का जाँच नेगेटिव होने पर भी एक दो दिन बाद मलेरिया जाँच दोबारा करना पड़ता है

इलाज: बिना स्पष्टीकरण मलेरिया का इलाज करना आपको और समाज को हानिकारक है. मलेरिया का इलाज उक्त चिकित्सक से ही लें और दवाई का पूरा कोर्से पूरा करें.

रोकथाम: सबसे महत्वपूर्ण: दवाई डाला हुआ मच्छरदानी का स्तेमाल मलेरिया से बचने का सबसे बेहतरीन विकल्प है



मच्छर के काटने से बचने का अन्य तरीके जैसे घर के खिड़की और दरवाज़े में जाल लगाना, मछर को भगाने वाले कोइल, मैट आदि, क्रीम, स्प्रे आदि का भी स्तिमाल करें. सामूहिक स्तर पर मच्छर का पलने पर रोक लगाएं - पानी को अपने आसपास में इकट्टा न होने दें.

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