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Showing posts from November, 2018

डायबिटीज - स्वस्थ खाना - दोपहर का भोजन

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बहुत घरों में यही देखा जाता है कि सुबह का नाश्ता न करके, करीब 12 बजे दोपहर को एक भव्य भोजन किया जाता है. नियमित अंतराल पर छोटे भोजन मधुमेह रोगियों के लिए उचित माना जाता है. इससे मरीज का खून में चीनी का स्टार ज़्यादा ऊपर या ज्यादा नीचे नहीं होगा बल्कि स्थिर रहेगा. मधुमेह की लगभग सभी जटिलतायें खून में बहुत अधिक या बहुत कम मात्रा में चीनी होने के कारण होते हैं. इसलिये सुबह का नाश्ता 7 और 8 बजे के बीच कीजिएगा. और 1 बजे को दोपहर का भोजन लीजिये. इसके बीच करीब सुबह 10 और 11 बजे के बीच कुछ छोटा मात्रा में खाने पीने का कोशिश कीजिएगा. इससे यह भी फायदा है कि दोपहर होते ही आप को इतना भूख नहीं लगेगा कि आप बिना जाने ज़्यादा खाना खा लें.  दोपहर का भोजन (दोपहर 1 और 2 बजे के बीच)   1. 1.5 कटोरी चावल  या  रोटी - 3 पीस (मध्यम आकार). रोटी के बदले में आप कचोरी, पूरी  या पराट्टा ले सकते हैं. पर तेल में तला हुआ होने के कारण, 3 पीस के बजाय 2 पीस ही ले सकते हैं. रोटी और चावल एक साथ लेना चाहते हैं, तो याद रखें कि 1 रोटी = आधा कटोरी चावल. मतलब यही कि यदी आप 1 कटोरी चावल खाए हैं तो 1 ही रोटी और खा सकते हैं.

डायबिटीज - स्वस्थ खाना - सुबह का आहार

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जैसे सब लोग जानते है, मधुमेह का इलाज में स्वस्थ खाना एक एहम भूमिका निभाता है. अक्सर यह देखा जा रहा है कि समान्य तौर पर भी हम सब के खाने असंतुलित रहता है. स्वस्थ आहार और शारीरिक व्यायाम अपनाकर मधुमेह होने का खतरा स्पष्ट रूप से कम किया जा सकता है. मैं कैसे यह जान सकता हूँ कि मेरा खाना असंतुलित है?  - यदि आपका बॉडी मास इंडेक्स (bmi) 17.5 से कम या 25 से ज्यादा है. - यदि आपका वेयिस्ट-हिप रेशिओ (WAIST-HIP RATIO) 0.9 (पुरुष)/0.8 (स्त्री) से ज़्यादा है. - यदि आपका खून में कमी है या शरीर में  विटामिन/अन्य धतू की कमी का कुछ लक्षण है. मेरे लिए संतुलित आहार में क्या क्या और कितना खाने का चीज़ें हो सकता हूँ? आप जो भोजन खा सकते हैं, वह आपके शरीर का वजन और दैनिक गतिविधी पर निर्भर है. एक समान्य आदमी या औरत के लिए जो 40 से 60 किलो के बीच में है, वे निम्नलिखित आहार योजना को पालन कर सकता हैं. सुबह का नाश्ता (7  और  8 बजे के बीच) 1. रोटी - 3 पीस (मध्यम आकार). रोटी के बदले में आप कचोरी, पूरी  या पराट्टा ले सकते हैं. पर तेल में तला हुआ होने के कारण, 3 पीस के बजाय 2 पीस ही ले सकते हैं. चावल

डायबिटीज मरीज में स्वस्थ खाने का महत्वपूर्ण पहलू

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डायबिटीज मरीज सुबह का नाश्ता , दोपहर का भोजन और रात का खाने के योजना के साथ निम्न बातें पर भी ध्यान दें.  1. प्यास बुझाने के लिए सादा पानी का ही सेवन करें. कम से कम 1.5 से 2 लिटर पानी प्रतिदिन पियें. 2. सब्जी का सेवन बेहत करें. ज्यादा से ज्यादा हरी साग सब्जी खाएं. 3. चावल या रोटी को कम करके फल को खाएं. 4. बेकरी आइटम जैसे केक, ब्रेड, बिस्कुट आदि से वर्जित रहें. स्नैक्स के लिए खीरा, मूंगफली, दही आदि खाएं. 5. नशा का स्तिमाल न करें. 6. तेल का स्तिमाल कम करें. तेल में छना चीज़ों को ना खाएं जैसे पूरी, कचोरी, जिलेबी, वडा आदि. प्रति दिन 6 चम्मच से ज़्यादा तेल का स्तिमाल न करें. घी, मखन, नारियल तेल आदि को छोड़कर ओलिव, केनोला, सूरजमुखी आदि का तेल स्तिमाल करें. 7. नॉन-वेज खाना चाहता है तो सप्ताह में एक बार दाल के बदले में मुर्गी (150 ग्राम)  या  खस्सी (150 ग्राम)  या  मछली (150 ग्राम). 8. जो पनीर खाना चाहता है,  सप्ताह में एक बार दाल के बदले में पनीर (75 ग्राम) खा सकता है. 9. आपको कुछ चीज़ें बिलकुल नहीं खाना है - ऊपर से चीनी, गुड़, जैम, मिठाई, मधु, केक/पेस्ट्री/चॉकलेट, टे

डेंगू बुखार

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कारण: डेंगू वैरस से होता है जो एडीज मच्छर काटने के द्वारा फैलता है.  लक्षण: डेंगू बुखार को हड्डी थोड बुखार भी कहा जाता है. इस बीमारी में मरीज को जाड़ा लेकर बुखार के साथ सिरदर्द, उल्टी, जोड़ और मास्पेशियों में दर्द और शरीर पर लाल ददोरे (rashes) हो सकते हैं.  लेकिन, आश्चर्यजनक बात यह है कि डेंगू वैरस से ग्रसित 80% मरीज में बीमारी का कोई लक्षण नहीं होता या बहुत हलके से ही बुखार और अन्य लक्षण होते हैं. बाकी 20% में बीमारी तेज़ हो सकते हैं, पर उसमें भी सिर्फ 5% गंभीर रूप से बीमार होते हैं. डेंगू में गंभीर/सीरियस होने का लक्षण - ज़्यादा पेट दर्द; लगातार उल्टी या उल्टी में खून का अंश; सांस लेने में तकलीफ या जल्दी जल्दी साँस लेना; मसूड़ों से खून निकलना; बहुत ज्यादा थकान; बेचैनी;  जाँच: खून जाँच के द्वारा होते है. पर याद रखें कि बीमारी की शुरुवात में कभी खून जाँच में भी पता नहीं चलता. इसलिए एक उक्त चिकित्सक की सलाह लेना ज़रूड़ी है. डेंगू बीमारी का गंभीरता पता करने के लिए प्लेटलेट, पीलिया आदि का जाँच किया जता है.  इलाज: डेंगू बुखार का कोई विशिष्ट उपचार नहीं

टाइफाइड

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कारण : साल्मोनेला नाम का बैक्टीरिया कीटाणु से होता है . साल्मोनेला का फैलाव टट्टी से प्रदुषित खाना - पानी से होता है . लक्षण : टाइफाइड में आपका बुखार दिन पर दिन बढते जाएगा . बुखार के साथ पेट दर्द , उल्टी , पतला पैखाना , बदन दर्द आदि भी होता है . जाँच : टाइफाइड का पक्का जाँच खून का कल्चर से ही हो सकता है , जो बड़े बड़े लैब में ही उपलब्ध है . इसके अलावा जाँच है टैफिडॉट (typhidot) और विडाल (widal). पर ये दो जाँच , बुखार होने का पांच दिन के बाद ही करने से फायदा है . और याद रखें कि ये दोनों जाँच (विडाल और   टैफिडॉट)   कुछ और बीमारी, जैसे यक्ष्मा, कुष्टरोग, मलेरिया आदि होने पर भी पॉजिटिव रहता है.  इलाज : बिना स्पष्टीकरण टाइफाइड का इलाज करना आपको और समाज को हानिकारक है . टाइफाइड का इलाज उक्त चिकित्सक से ही लें और दवाई का पूरा कोर्से पूरा करें . रोकथाम : अपने खान पान की सफाई सुनिश्चित करके आप टाइफाइड से बच सकते हैं . पक्का करें कि आप जो पानी पीते हैं , वह साफ़ हो . निश्चित करें कि आपका खाने में मक्खी बैठे नहीं है . मक्खी के फैलाव को कम करें . खुले जगह में टट्ट