डेंगू बुखार

कारण: डेंगू वैरस से होता है जो एडीज मच्छर काटने के द्वारा फैलता है. 




लक्षण: डेंगू बुखार को हड्डी थोड बुखार भी कहा जाता है. इस बीमारी में मरीज को जाड़ा लेकर बुखार के साथ सिरदर्द, उल्टी, जोड़ और मास्पेशियों में दर्द और शरीर पर लाल ददोरे (rashes) हो सकते हैं. 



लेकिन, आश्चर्यजनक बात यह है कि डेंगू वैरस से ग्रसित 80% मरीज में बीमारी का कोई लक्षण नहीं होता या बहुत हलके से ही बुखार और अन्य लक्षण होते हैं. बाकी 20% में बीमारी तेज़ हो सकते हैं, पर उसमें भी सिर्फ 5% गंभीर रूप से बीमार होते हैं.

डेंगू में गंभीर/सीरियस होने का लक्षण - ज़्यादा पेट दर्द; लगातार उल्टी या उल्टी में खून का अंश; सांस लेने में तकलीफ या जल्दी जल्दी साँस लेना; मसूड़ों से खून निकलना; बहुत ज्यादा थकान; बेचैनी; 


जाँच: खून जाँच के द्वारा होते है. पर याद रखें कि बीमारी की शुरुवात में कभी खून जाँच में भी पता नहीं चलता. इसलिए एक उक्त चिकित्सक की सलाह लेना ज़रूड़ी है. डेंगू बीमारी का गंभीरता पता करने के लिए प्लेटलेट, पीलिया आदि का जाँच किया जता है. 

इलाज: डेंगू बुखार का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है. अन्य वयरल बीमारियों की तरह आराम, ज़रूरात्मंत खाना-पीना और बुखार कम करने वाला दवा (पेरासिटामोल) का ही जरूरत है. 

सीरियस होने का कोई भी लक्षण आने पर निकटतम अस्पताल में जाकर डॉक्टर से जाँच करवाना ज़रूड़ी है.


रोकथाम: सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एडीस मछर का प्रजनन को रोकना है. इस के लिए ज़रूड़ी है कि पानी को कहीं (नालियां, गड्ढे, रूम कूलर, पुराने बर्तन या बोतल, पुराने टायर आदि)  ठहरने नहीं देना है. 

इलाज से बेहतर है बचाव रोकथाम

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