टाइफाइड

कारण: साल्मोनेला नाम का बैक्टीरिया कीटाणु से होता है. साल्मोनेला का फैलाव टट्टी से प्रदुषित खाना-पानी से होता है.

लक्षण: टाइफाइड में आपका बुखार दिन पर दिन बढते जाएगा. बुखार के साथ पेट दर्द, उल्टी, पतला पैखाना, बदन दर्द आदि भी होता है.




जाँच: टाइफाइड का पक्का जाँच खून का कल्चर से ही हो सकता है, जो बड़े बड़े लैब में ही उपलब्ध है. इसके अलावा जाँच है टैफिडॉट (typhidot) और विडाल (widal). पर ये दो जाँच, बुखार होने का पांच दिन के बाद ही करने से फायदा है. और याद रखें कि ये दोनों जाँच (विडाल और  टैफिडॉट) कुछ और बीमारी, जैसे यक्ष्मा, कुष्टरोग, मलेरिया आदि होने पर भी पॉजिटिव रहता है. 

इलाज: बिना स्पष्टीकरण टाइफाइड का इलाज करना आपको और समाज को हानिकारक है. टाइफाइड का इलाज उक्त चिकित्सक से ही लें और दवाई का पूरा कोर्से पूरा करें.

रोकथाम: अपने खान पान की सफाई सुनिश्चित करके आप टाइफाइड से बच सकते हैं. पक्का करें कि आप जो पानी पीते हैं, वह साफ़ हो. निश्चित करें कि आपका खाने में मक्खी बैठे नहीं है. मक्खी के फैलाव को कम करें. खुले जगह में टट्टी न करें. टॉयलेट का स्तेमाल करें. संक्षिप्त में कहें, दस्त से बचने के लिए जो कुछ सावधानी आप लेते हैं, उससे आप टाइफाइड से भी बच सकते हैं. 





                   इलाज से बेहतर है बचाव रोकथाम

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